Ajnabi ........ Dil Se

ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज दे कहीं से
मैं यहां टुकड़ों में जी रहा हूं
तू कहीं टुकड़ों में जी रही है

रोज रोज रेशम सी हवा आते जाते कहती है बता
रेशम सी हवा.... कहती है बता..
वो जो दूध धुली मासूम कली वो है कहां... कहां है?
वो रोशनी कहां है वो चांद सी कहां है
मैं अधूरा तू अधूरी जी रही हैं

ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज दे कहीं से
मैं यहां टुकड़ों में जी रहा हूं
तू कहीं टुकड़ों में जी रही है


तू तो नहीं है लेकिन तेरी मुस्कुराहटे हैं
चेहरा कहीं नहीं है पर तेरी आहटे हैं
तू है कहां .. कहां है? तेरा निशां कहां है
मेरा जहां कहां है
मैं अधूरा तू अधूरी जी रही हैं

ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज दे कहीं से
मैं यहां टुकड़ों में जी रहा हूं
तू कहीं टुकड़ों में जी रही है

Film : Dil Se

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