उसकी बात

सबसे खूबसूरत कौन है?
कौन है जिसकी आवाज मीलों दूर तक जाती है
बिना थकावट के

कौन है जिसके आंचल में सिर छुपा
उम्रदराज लोग भी रोते हैं बच्चों की तरह

अकेले बंद कमरे में घबराया सा,
जंगल की घनेपन में,
और आकाश के खुलेपन में,
या पर्वतों की ऊंचाईयों से हतप्रभ
मैं किसकी कल्पना नहीं कर पाता

अजनबियों के चेहरे पर
पहचाना सा क्या होता है
क्या उसे यकीन कहते हैं
जो अजनबी पर किया जाता है

क्या है जो मुझे अधिकार देता है
कि किसी भी राह चलते शख्स से
मैं कह दूं अपना दर्द

नन्हें से पौधे का आकाश की तरफ देखना
दरख्तों का बाहें फैला पुकारना
नदियों का आवारापन
गिरिशिखरों की बादलों से बातचीत

क्या है जो
मैं बार बार कहना चाहता हूं
और बार बार छूट जाता है
क्या है जो हर कोई समझ लेता है बिन कहे
क्या है जिसके लिए कहना सुनना खेल है

क्या है जिस पर बेवजह
सांसों के सुर वारे जा सकते हैं

मेरे सभी अजनबी अहसासों को
मेरी नादानियों की मुआफियां पहुंचें
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1 comments:

‘नज़र’ said...

बहुत गहरी बात लिखते हैं
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