ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज दे कहीं से
मैं यहां टुकड़ों में जी रहा हूं
तू कहीं टुकड़ों में जी रही है
रोज रोज रेशम सी हवा आते जाते कहती है बता
रेशम सी हवा.... कहती है बता..
वो जो दूध धुली मासूम कली वो है कहां... कहां है?
वो रोशनी कहां है वो चांद सी कहां है
मैं अधूरा तू अधूरी जी रही हैं
ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज दे कहीं से
मैं यहां टुकड़ों में जी रहा हूं
तू कहीं टुकड़ों में जी रही है
तू तो नहीं है लेकिन तेरी मुस्कुराहटे हैं
चेहरा कहीं नहीं है पर तेरी आहटे हैं
तू है कहां .. कहां है? तेरा निशां कहां है
मेरा जहां कहां है
मैं अधूरा तू अधूरी जी रही हैं
ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज दे कहीं से
मैं यहां टुकड़ों में जी रहा हूं
तू कहीं टुकड़ों में जी रही है
Film : Dil Se
Thursday, 28 May 2009
A Ajnabi in 1963
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों
न मैं तुमसे कोई उम्मीद रखूं दिल नवाजी की
न तुम मेरी तरफ देखो गलत अंदाज नजरों से
न मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाए मेरी बातों में
न जाहिर हो तुम्हारी कश्मकश का राज नजरों से
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों
तुम्हें भी कोई उलझन रोकती है पेशकदमी से
मुझे भी लोग कहते हैं कि ये जलवे पराये हैं
मेरे हमराह भी रूसवाईयां है मेरे माजी की
तुम्हारे साथ भी गुजरी हुई रातों के साये हैं
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों
तार्रूफ रोग हो जाए - तो उसको भूलना बेहतर
ताल्लुक बोझ बन जाए - तो उसको तोड़ना अच्छा
वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
उसे इक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों
फिल्म गुमराह (1963)
Audio Video: http://www.youtube.com/watch?v=cE5q9kst-Zc
न मैं तुमसे कोई उम्मीद रखूं दिल नवाजी की
न तुम मेरी तरफ देखो गलत अंदाज नजरों से
न मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाए मेरी बातों में
न जाहिर हो तुम्हारी कश्मकश का राज नजरों से
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों
तुम्हें भी कोई उलझन रोकती है पेशकदमी से
मुझे भी लोग कहते हैं कि ये जलवे पराये हैं
मेरे हमराह भी रूसवाईयां है मेरे माजी की
तुम्हारे साथ भी गुजरी हुई रातों के साये हैं
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों
तार्रूफ रोग हो जाए - तो उसको भूलना बेहतर
ताल्लुक बोझ बन जाए - तो उसको तोड़ना अच्छा
वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
उसे इक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों
फिल्म गुमराह (1963)
Audio Video: http://www.youtube.com/watch?v=cE5q9kst-Zc
A Old Ajnabi Song in new Way
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों
न मैं तुमसे कोई उम्मीद रखूं दिल नवाजी की
न तुम मेरी तरफ देखो गलत अंदाज नजरों से
न मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाए मेरी बातों में
न जाहिर हो तुम्हारी कश्मकश का राज नजरों से
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों
तुम्हें भी कोई उलझन रोकती है पेशकदमी से
मुझे भी लोग कहते हैं कि ये जलवे पराये हैं
मेरे हमराह भी रूसवाईयां है मेरे माजी की
तुम्हारे साथ भी गुजरी हुई रातों के साये हैं
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों
Hear : http://www.youtube.com/watch?v=nLCD9wk4Znw
Original : http://www.youtube.com/watch?v=cE5q9kst-Zc
न मैं तुमसे कोई उम्मीद रखूं दिल नवाजी की
न तुम मेरी तरफ देखो गलत अंदाज नजरों से
न मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाए मेरी बातों में
न जाहिर हो तुम्हारी कश्मकश का राज नजरों से
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों
तुम्हें भी कोई उलझन रोकती है पेशकदमी से
मुझे भी लोग कहते हैं कि ये जलवे पराये हैं
मेरे हमराह भी रूसवाईयां है मेरे माजी की
तुम्हारे साथ भी गुजरी हुई रातों के साये हैं
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों
Hear : http://www.youtube.com/watch?v=nLCD9wk4Znw
Original : http://www.youtube.com/watch?v=cE5q9kst-Zc
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